हिंदू असहिष्णुता का प्रश्न आपने पूछा ---- बाम पंथियों एवं मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं पर बढती असहिष्णुता का आरोप कहाँ तक सही है ? वास्तविकता यह है कि हिन्दू मौलिक रूप से कभी भी असहिष्णु नही रहा है | यदि समाज के किसी धड़े या कुनवे में असहिष्णुता परिलक्षित हो रही है तो वह तात्कालिक प्रतिक्रिया स्वरुप है | यह हिंदू संस्कृति का स्थायी भाव नहीं है | जो व्यक्ति या बर्ग विशेष असहिष्णुता को प्रदर्शित कर रहा है , वह किसी न किसी रूप में वाम पंथियों व मुसलमानों द्वारा पीड़ित व प्रताड़ित रहा हो | यदि हम प्रकारान्तर से हिंदू प्रबृत्ति एवं प्रकृति का विशलेषण करें तो पायंगे कि सर्व धर्म समभाव एवं सर्व समावेशी मूल्यों व उदात्त जन कल्याण की भावनाओं से ओत-प्रोत , यदि कोई धर्म है तो वह हिंदू धर्म ही है | सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया की अवधारणा हो या सर्व खल्वं इदम् ब्रह्मंम् का महावाक्य ये मात्र हिन्दुओं के लिए नहीं है ये समस्त मानव जाति एवं समस्त जीव