वेदों की अपौरूषेयता :- आपने पूछा वेदों को अपौरूषेय क्यों कहा जाता है ? वेद का तात्पर्य ज्ञान से है जो विद् धातु से बना है | अत :वेद का शाब्दिक अर्थ है ज्ञान | वेदों को सृष्टि का प्रथम ज्ञान माना जाता है | इसलिए इन्हें आदि ग्रन्थ भी कहा जाता है | आदि ग्रन्थ में ही आदि ज्ञान संभव है | रामायण आदि ग्रंस्थ नहीं है , महाभारत भी नहीं है | बाइबल , कुरान आदि तो हो ही नहीं सकते हें क्योकि इनके आने से पहले संसार में बहु आयामी ज्ञान उपलब्ध था | सृष्टि का आदि ज्ञान देने वाला सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता है | निश्चित ही वह ईश्वरीय गुणों से संपन्न होगा | वह ईश्वर हो या ना हो सामान्य व्यक्ति से इतर कोइ तो था | यदि नहीं था तो वेद आये कहाँ से ? इस बिस्तृत साहित्य का रचियता कौन था |? वेद कल्पना में तो नहीं, वे तो यथार्थ के धरातल पर है | वेदों के रचियता का कहीं कोई उल्लेख नहीं मिलता है |जहाँ भारतीय पौराणिक ग्रन्थ ऋग वेद का रचना काल ईस